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गडकरी और व्यापार -हंगामा है क्यूँ बरपा

Meri Baat
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जब से गडकरी जी की पूर्ती पवार का खुलासा हुआ है पूर्ती पवार में हुई गड़बड़ियों से जयादा हंगामा गडकरी जी के व्यापारी होने पर बरपा है | सभी एक सुर से कहने पर तुले हुए है की गडकरी नेता नहीं व्यापारी है क्या व्यापारी होना इस देश में कोई संगेय अपराध है या नेता नेता बनने के लिए व्यापारी होना वर्जित है |जब इस देश में अपराधी चुनाव लड़ रहे हैं , मंत्री -विधायक -सांसद बन रहे है ऐसे में क्या व्यापारी होना ही देश में सबसे बड़ा अपराध है | अगर नेता व्यापार नहीं करेगा तो क्या खाएगा और अपने बच्चों को को क्या खिलायेगा या यह कहने का प्रयास किया जा रहा है नेता को व्यापार से नहीं घोटालों से अपने बच्चों का पेट पालना चाहिए इस लोक तंत्र की सबसे बड़ी विडम्बना ही ये ही है देश में अधिकतर नेताओं का व्यापार ही राजनीति है और इसी में उच्च पद वाले घोटालों और नीचे पद वाले दलाली से अपना घर चला रहे है | और राजनीति को ही अपना मुख्य व्यवसाय बनाने वाले लोग ही इस तरह की बातों को हवा देते है अच्छा तो होता उंगली गडकरी के व्यापारी होने पर नहीं बल्कि उनके व्यापार में हो रही अनैतिकता पर ही उठाई जाती |

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